भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट मुकाबले सिर्फ खेल नहीं होते, ये जज़्बात, जुनून और अद्वितीय रोमांच का संगम होते हैं। 2025 चैंपियंस ट्रॉफी में एक बार फिर दोनों टीमें आमने-सामने होंगी, लेकिन इससे पहले आइए उन मुकाबलों को याद करें जिन्होंने क्रिकेट प्रेमियों के दिलों में हमेशा के लिए जगह बना ली।
जब तेंदुलकर ने शोएब की गेंद पर अपर कट खेला (2003 वर्ल्ड कप)
2003 वर्ल्ड कप का मुकाबला और शोएब अख्तर की तेज गेंदबाजी—पाकिस्तान को लगा था कि वे भारत को हिला देंगे। लेकिन फिर आया वो लम्हा जब सचिन तेंदुलकर ने शोएब की गेंद पर अपर कट खेला और गेंद सीधे स्टैंड्स में जा गिरी। पूरा मैदान झूम उठा और यह शॉट क्रिकेट इतिहास के सबसे बेहतरीन पलों में दर्ज हो गया।
मेलबर्न में कोहली का करिश्मा (2022 T20 वर्ल्ड कप)
भारत मुश्किल में था, लेकिन फिर विराट कोहली की वो पारी आई जिसने सबका दिल जीत लिया। 53 गेंदों पर 82 रन, जिसमें हारिस रऊफ के खिलाफ मारा गया वो छक्का, जो क्रिकेट के सबसे यादगार शॉट्स में शामिल हो गया। भारत ने ये मैच जीता, और कोहली की इनिंग को क्रिकेट की किंवदंतियों में जगह मिली।
वेंकटेश प्रसाद बनाम आमिर सोहेल (1996 वर्ल्ड कप)
क्रिकेट में स्लेजिंग आम बात है, लेकिन आमिर सोहेल ने वेंकटेश प्रसाद को चौका मारने के बाद जो किया, वो गलत इंसान से पंगा लेने जैसा था। उन्होंने प्रसाद की ओर इशारा करते हुए कहा—”गेंद उठाओ!” प्रसाद ने जवाब अगले ही गेंद पर दिया, जब उन्होंने सोहेल को क्लीन बोल्ड कर दिया। भारतीय फैंस के लिए यह सिर्फ एक विकेट नहीं, बल्कि बदले की आग थी!
जब आमिर ने भारत की बल्लेबाजी तहस-नहस कर दी (2017 चैंपियंस ट्रॉफी फाइनल)
भारत का पलड़ा भारी था, लेकिन मोहम्मद आमिर की घातक गेंदबाजी ने पूरी तस्वीर बदल दी। पहले ही ओवर में रोहित शर्मा, विराट कोहली और शिखर धवन पवेलियन लौट चुके थे। पाकिस्तान ने भारत को 180 रनों से हराया और पहली बार चैंपियंस ट्रॉफी की चमचमाती ट्रॉफी उठाई।
मियांदाद का आखिरी गेंद पर छक्का (1986, शारजाह)
अगर कोई ऐसा एक पल है जिसने भारतीय क्रिकेट फैंस के दिलों को छलनी किया, तो वो है जावेद मियांदाद का आखिरी गेंद पर लगाया गया छक्का। चेतन शर्मा ने फुलटॉस फेंकी, और मियांदाद ने बिना किसी झिझक के उसे स्टैंड्स के बाहर भेज दिया। पाकिस्तान एक विकेट से जीत गया, और यह पल क्रिकेट इतिहास में हमेशा के लिए अमर हो गया।
भारत-पाकिस्तान क्रिकेट सिर्फ मैच नहीं, बल्कि इतिहास लिखने का जरिया है। कौन जाने, 2025 चैंपियंस ट्रॉफी में हमें कौन सा नया यादगार पल देखने को मिलेगा?