Bihar : ‘न्याय के साथ विकास’ शुरू से ही नीतीश सरकार की कार्यसंस्कृति रही है। ‘न्याय के साथ विकास’ का अर्थ है हर इलाके का विकास, समाज के हर तबके का उत्थान। इसी को ध्यान में रखकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इन दिनों प्रगति यात्रा पर निकले हैं। प्रगति यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री जिलों में जाकर विकास कार्यों का जायजा ले रहे हैं एवं वहां की जरूरतों को लेकर घोषणाएं भी कर रहे हैं। मुख्यमंत्री की घोषणाएं सिर्फ कागजों पर ही नहीं रह रही हैं बल्कि कैबिनेट की बैठक में उसकी मंजूरी भी दी जा रही है ताकि जल्द से जल्द उस पर काम शुरू किया जा सके।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में 13 फरवरी 2025 को हुई कैबिनेट की बैठक में ग्रामीण कार्य विभाग के अंतर्गत 11,251 ग्रामीण सड़कों के पुनर्निर्माण और इसके रखरखाव को मंजूरी दी गई है। इन सड़कों की कुल लंबाई 19,867 किलोमीटर होगी। इस परियोजना पर 17,266 करोड़ रुपये खर्च होंगे। मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क उन्नयन योजना के तहत सभी 38 जिलों में खराब सड़कों की मरम्मति और रखरखाव सुनिश्चित किया जायेगा। अगले 7 साल तक इन सड़कों का रखरखाव किया जाएगा। इससे सभी 38 जिलों में जितनी खराब सड़कें हैं, उनका सात साल तक दीर्घकालीन प्रबंधन एवं अनुरक्षण हो सकेगा। इससे लोगों को आवागमन में सुविधा होगी।
अगले 7 वर्षों तक सड़कों की गुणवत्ता बनी रहे
नीतीश सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि अगले सात वर्षों तक इन सड़कों की गुणवत्ता बनी रहे और लोगों को बेहतर सड़क सुविधाएं मिलें। मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क उन्नयन योजना के तहत मधुबनी जिले में सबसे अधिक 706 सड़कों की मरम्मत कराई जाएगी, जिसकी कुल लागत 1221.42 करोड़ रुपये है। वहीं, सबसे कम 42 सड़कें मुंगेर जिले में है, जिसकी लागत 30.64 करोड़ रुपये है।
सभी जिलों की ग्रामीण सड़कों का सुदृढ़ीकरण किया जायेगा
मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क उन्नयन योजना के तहत राज्य के सभी जिलों की ग्रामीण सड़कों का सुदृढ़ीकरण किया जायेगा। राज्य भर में इनकी कुल लंबाई 19867 किलोमीटर है। इनके उन्नयन पर 17266 करोड़ की लागत आयेगी। इन सड़कों का सात वर्षों तक दीर्घकालीन प्रबंधन भी किया जायेगा।
इन जिलों की सड़कों का उन्नयन और मेंटेनेंस किया जाएगा
इस योजना के तहत गया जिला में 1241.99 किलोमीटर, भागलपुर में 360.283 किलोमीटर, गोपालगंज जिला में 629.870 किलोमीटर, जमुई में 410.627 किलोमीटर, मुंगेर में 36.062 किलोमीटर, रोहतास में 851.472 किलोमीटर, सीतामढ़ी में 249.819 किमी, बेगूसराय में 339.259 किमी, सीवान में 622.532 किमी, बक्सर में 594.586 किमी, पटना में 790.766 किमी, शेखपुरा में 166.412 किमी, कैमूर में 384.807 किमी, वैशाली में 646.531 किमी, नवादा में 641.699 किमी, अरवल में 150.578 किमी, शिवहर में 130.336 किमी, लखीसराय में 92.065 किमी, मजफ्फरपुर में 990.922 किमी, पश्चिम चंपारण में 464.007 किमी, जहानाबाद में 273.219 किमी, बांका में 825.028 किमी, औरंगाबाद में 1251.860 किमी, भोजपुर में 672.401 किमी, नालंदा में 326.964 किमी, किशनगंज में 307.965 किमी, कटिहार में 564.153 किमी, सहरसा में 328.161 किमी, समस्तीपुर में 382.940 किमी, पूर्णिया में 693.500 किमी, पूर्वी चंपारण में 707.114 किमी, दरभंगा में 728.681 किमी, मधुबनी में 1236.970 किमी, मधेपुरा में 332.173 किमी, सुपौल में 468.074 किमी, अररिया में 183.624 किमी और सारण जिला में 788.213 किलोमीटर सड़कों का उन्नयन और सात सालों तक मेंटेनेंस किया जायेगा।
प्रगति यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री लगातार जिलों का दौरा कर रहे हैं
नीतीश सरकार के इस फैसले से राज्य के ग्रामीण इलाकों में यातायात सुगम होगा और लोगों को खराब सड़कों से होने वाली परेशानियों से निजात मिलेगी। प्रगति यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगातार जिलों का दौरा कर रहे हैं। निरीक्षण के दौरान जनप्रतिनिधियों और लोगों द्वारा सड़क संबंधित जो समस्याएं मुख्यमंत्री के संज्ञान में आती हैं उसे अधिकारियों को नोट करने तथा उसपर योजना बनाकर काम करने का निर्देश दिया गया है।
राज्य सरकार ग्रामीण सड़कों के निर्माण और मेंटेनेंस के लिए लगातार काम कर रही है
मुख्यमंत्री का उद्देश्य है कि बिहार की जनता को आवागमन में किसी प्रकार की असुविधा न रहे। ग्रामीण सड़कों के निर्माण से सुलभ आवागमन के साथ-साथ आर्थिक प्रगति द्वार खुलेंगे, ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को इसका लाभ मिलेगा। साथ ही स्थानीय उत्पाद एक जगह से दूसरी जगह ससमय पहुंच सकेंगे जिसका फायदा किसानों और व्यापारियों को मिलेगा। राज्य सरकार ग्रामीण सड़कों के निर्माण और मेंटेनेंस के लिए लगातार काम कर रही है।