Monday, April 28, 2025
spot_img
Homeउत्तर प्रदेशNGT की रिपोर्ट आई सामने, संगम का पानी नहाने योग्य नहीं, योगी...

NGT की रिपोर्ट आई सामने, संगम का पानी नहाने योग्य नहीं, योगी सरकार पर भड़के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद

Mahakumbh 2025 : सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) ने प्रयागराज महाकुंभ में तटों के पानी के स्तर की जो रिपोर्ट नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) को सौंपी है, वह चिंता का कारण बन गई है। 9 से 21 जनवरी के बीच 73 अलग-अलग स्थानों से लिए गए सैंपल्स में पानी नहाने योग्य नहीं पाया गया। इस मुद्दे पर विपक्षी दलों ने केंद्र और राज्य सरकारों पर सवाल उठाए हैं, वहीं अब शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने भी सरकार को सीधे दोषी ठहराया है। उनका कहना है कि उन्होंने पहले ही इस समस्या को उठाया था, लेकिन प्रशासन और सरकार ने इसे गंभीरता से नहीं लिया।

शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा, “नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने महाकुंभ की शुरुआत से पहले ही चेतावनी दी थी कि गंगा और यमुना की धाराएं स्नान के लिए उपयुक्त नहीं हैं। उन्होंने कुछ निर्देश भी जारी किए थे, जिसमें खासकर शहर के मल-जल के नालों को उन धाराओं से दूर करने की बात कही गई थी, ताकि लोगों को स्नान के लिए शुद्ध जल मिल सके। लेकिन सरकार ने इन निर्देशों पर ध्यान नहीं दिया।”

जो मूल व्यवस्था थी, उसी पर ध्यान नहीं दिया

शंकराचार्य बोले, ‘कहा जा रहा है कि हमने बहुत सारी व्यवस्थाएं कर दी लेकिन जो मूल व्यवस्था करनी थी कि लोगों को स्नान के लिए शुद्ध जल मिल सके वो तो नहीं मिली। एनजीटी के पहले के आदेश के बावजूद हमने महाकुंभ अधिकारियों से यह कहा था कि वे तटों से पानी के सैंपल लेकर रोजाना रिपोर्ट प्रकाशित करें, ताकि यह पता चल सके कि पानी स्नान के योग्य है या नहीं, लेकिन अधिकारियों ने इस पर ध्यान नहीं दिया। मेला समाप्त हो गया, लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।”

गंगा में गिर रहा नाले का पानी

अविमुक्तेश्वरानंद ने यह भी बताया कि उन्होंने ऐसे वीडियो देखे हैं, जिनमें लोग पानी में मल दिखा रहे हैं। उनका कहना था कि गंगा और यमुना की पवित्रता बनी रहती है, लेकिन जब इन नदियों का पानी प्रदूषित हो जाता है, तो इसका जिम्मेदार सरकार है। उन्होंने कहा, “सरकार ने पिछली बार अर्धकुंभ में वादा किया था कि गंगा के पानी में नाले नहीं गिरने देंगे, लेकिन इस बार भी वे इसे रोकने में नाकाम रहे।”

VIP को भी मलयुक्त जल में स्नान करा दिया

उन्होंने आरोप लगाया, “यह करोड़ों लोगों की आस्था और स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ है। अगर सरकार इस मुद्दे को गंभीरता से नहीं ले रही है, तो और क्या होगा। वीआईपी कल्चर के तहत सभी वीआईपी को भी मलयुक्त जल में स्नान करने दिया गया। क्या यही वह व्यवस्था है, जिसमें वीआईपी को भी गंदे पानी में स्नान कराना पड़ा?”

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments