महाकुंभ भगदड़ पर बागेश्वर धाम सरकार धीरेंद्र शास्त्री के द्वारा मोक्ष वाले दिए गए बयान को लेकर उन्हे कई लोगों से खरी-खोटी सुननी पड़ी थी। शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने यहां तक कह दिया था कि अगर भगदड़ में मरने को वह मोक्ष कहते हैं तो हम उन्हें भी गंगा में धक्का देकर उनका मोक्ष करा देते हैं। वहीं अब इस मामले में धीरेंद्र शास्त्री का जवाब आया है।
मीडिया से बातचीत के दौरान धीरेंद शास्त्री ने कहा कि शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद महापुरुष हैं। हमारी सनातन संस्कृति के आचार्य हैं। हम उन्हें कोई प्रतिउत्तर नहीं दे सकते हैं। हम तो बालक हैं। वे तो महापुरुष हैं। हमारा उत्तर देना उचित नहीं होगा। महापुरुषों के अपने अपने विचार होते हैं। जिसके विचार जैसे होते हैं वह उसी भाव से प्रस्तुतिकरण करता है।
धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, हमें लगता है कि वह हमारे भाव को समझ नहीं पाए। भला मरने वालों कि निंदा कोई क्यों करेगा? शव की निंदा और शव की आलोचना कोई क्यों करेगा? यह छोटा-मोटा विवेक हम भी रखते हैं। लेकिन वे आचार्य हैं तो उनको अब हम कोई जवाब तो दे नहीं सकते।
दूसरे शाही स्नान के ठीक पहले मची थी भगदड़
बता दें कि प्रयागराज महाकुंभ में मौनी अमावस्या पर हुए दूसरे शाही स्नान के ठीक पहले रात में भगदड़ मची थी। जिसमें कई लोगों की मौत हो गई थी। वहीं यूपी सरकार के आंकड़ों के मुताबिक इस भगदड़ में 30 लोग मारे गए थे। जबकि प्रत्यक्षदर्शियों और ग्राउंड पर मौजूद रिपोर्टर्स की मानें तो यह आंकड़ा अनुमान से अधिक था। कुछ रिपोर्टर्स ने तो 60 से ज्यादा शव गिनने के दावे किए हैं। कुछ वीडियो बी आए जिनमें शवों के ऊपर 61 और 67 नंबर लिखे थे। इसके साथ ही इसी दिन शाही स्नान के दौरान ही एक और भगदड़ मचने का दावा किया गया था। वहीं इस भगदड़ में भी 24 से ज्यादा लोगों के मारी जानें की बात कही गई थी। हालांकि यूपी सरकार की ओर से ऐसी किसी भी भगदड़ का खंडन किया गया।
अविमुक्तेश्वरानंद ने व्यवस्था पर उठाए थे सवाल
भगदड़ को लेकर संतों का एक पक्ष तो प्रशासन के साथ खड़ा रहा लेकिन कई ऐसे भी संत थे जिन्होंने इस भगदड़ के लिए प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया। शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने तो योगी सरकार पर सही आंकड़े छुपाने तक का आरोप लगा दिया था। इसी बीच जब भगदड़ को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा था, उसी दौरान धीरेंद्र शास्त्री ने कहा था कि भगदड़ में मरने वालों को मोक्ष की प्राप्ति हुई है। सोशल मीडिया से लेकर महाकुंभ तक, उनके इस बयान की बहुत निंदा हुई। अविमुक्तेश्वरानंद ने भी इसी बयान को लेकर उन्हे खूब सुनाई थी।