मध्य प्रदेश के राजगढ़ में 32 साल की आशा वर्कर को उसके ससुरालियों ने बुरी तरह टॉर्चर किया। ससुराल वालों ने उसके साथ बेरहमी से मारपीट की। उन्होंने महिला पर बेवफाई का आरोप लगाया। उसे पीटा और लोहे की रॉड से जलाया। उसके गुप्तांगों में मिर्च पाउडर डाल दिया। उसे बांध कर सड़क किनारे फेंक दिया। एक राहगीर ने उसकी हालत देखकर उसे बंधन से छुड़ाया और अस्पताल पहुंचाया।
पीड़िता की 4 बेटियां और एक बेटा है, जो इस समय उसके सुसरालियों के पास हैं। महिला ने पुलिस को शिकायत देकर ससुरालियों पर केस दर्ज कराया और अपने बच्चों की कस्टडी वापस मांगी। करनवास पुलिस ने महिला की सास, ससुर, पति, ननद, पड़ोसी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस को दी शिकायत में पीड़िता ने बताया कि घटना 13 दिसंबर की है। पड़ोसी स्टीम मशीन मांगने उसके घर में घुस आया और उसका यौन उत्पीड़न करने का प्रयास किया। वह उसके पीछे कमरे में चला गया, जहां उसने उसके साथ अश्लील हरकतें कीं। जब उसने इस बारे में ससुरालियों को बताया कि तो ससुराल वालों ने उस पर परिवार को बदनाम करने का आरोप लगाया और पूरी रात उसके साथ शारीरिक हिंसा की।
मारपीट करते हुए उसके कपड़े उतार दिए। उसे गर्म लोहे से जला दिया। उसके गुप्तांगों में लाल मिर्च डाल दी, क्योंकि उन्हें उस पर पड़ोसी के साथ संबंध होने का संदेह था। दुर्व्यवहार सुबह तक जारी रहा, जिसके बाद उसे नग्न करके आंगन में फेंक दिया गया। महिला ने आरोप लगाया कि उसके ससुर ने उसके गुप्तांगों में मिर्च पाउडर डाला।
गोपीसागर बांध पर सुनसान इलाके में फेंका
पीड़िता ने बताया कि उसकी सास ने उसकी जांघों और निजी अंगों को जलाने के लिए गर्म लोहे की रॉड का इस्तेमाल किया। असहनीय दर्द के कारण वह बेहोश हो गई। जब उसे होश आया तो उसके ससुर और पति ने उसे जबरदस्ती मोटरसाइकिल पर बिठाया और गुना जिले के गोपीसागर बांध पर ले गए, जहां उन्होंने उसे छोड़ दिया। एक राहगीर ने महिला को देखा और उसके परिवार को सूचित किया। उसने ही उसे अस्पताल पहुंचाया, जहां उसके मायके वाले भी आ गए। मायके वालों की मदद से ही उसने घटना की शिकायत पुलिस को दी।