बदायूं- रबी सीजन में भूसा के दाम गिरे हुए हैं। बाजार में भूसा 500 से लेकर 550 रुपये तक प्रति क्विंटल बिक रहा है। वहीं निराश्रितों के भरण पोषण के लिए 800 से 900 रुपये प्रति क्विंटल की खरीद हो रही है। म्याऊं ब्लॉक की गोशालाओं में अधिक दामों पर भूसा की खरीदारी करने को लेकर ग्रामीणों ने बीडीओ से शिकायत कर जांच की मांग की है।
जिले में 350 से अधिक स्थाई और अस्थाई गौशालाएं संचालित हैं। इनमें 22 हजार से अधिक गोवंश संरक्षित हैं। इन गोवंशों के भरण-पोषण के लिए सरकार की ओर से 50 रुपये प्रति गोवंश प्रतिदिन के हिसाब से संबंधित ग्राम पंचायतों को दिया जाता है। गोवंश के लिए भूसा की आपूर्ति रेट से ली जा रही है। चालू वित्तीय वर्ष के लिए निविदा प्रक्रिया कराई जानी है।
निविदा प्रक्रिया पूरी होने तक पहले से तय रेट से निर्धारित फर्म से भूसा की आपूर्ति बाजार भाव से अधिक कीमत पर ली जा रही है, जबकि रबी सीजन में गेहूं की कटाई के बाद भारी मात्रा में भूसा निकल रहा है। इसके चलते भूसा के दाम काफी गिरे हुए हैं। बाजार में भूसा 500 रुपये से 550 रुपये प्रति क्विंटल के भाव से बिक रहा है।
लेकिन गोशाला संचालक 800 से लेकर 900 रुपये प्रति क्विंटल की दर से खरीदा जा रहा है। इसकी शिकायत ग्रामीण सेवाराम, हरपाल, शैलेंद्र, मुनेंद्र आदि ने बीडीओ को शिकायती पत्र देकर की है। ग्रामीणों का कहना है कि क्षेत्र में संचालित गोशालाओं में भूसा अधिक दाम में खरीद कर सरकारी धन का दुरुपयोग हो रहा है। उन्होंने जांच कर कार्रवाई की मांग की।
ब्लॉक स्तर से होनी चाहिए भूसा की खरीदारी
शिकायतकर्ताओं का कहना है कि गोशालाओं में संरक्षित गोवंश के भरण-पोषण के लिए भूसा, चारा-दाना आदि की खरीदारी ब्लॉक स्तर से होती है। जेम पोर्टल पर बीडीओ की अध्यक्षता वाली समिति के माध्यम से भूसा की खरीदारी की प्रक्रिया पूरी की जाती है, लेकिन कुछ प्रधान और सचिव सीधे अपने स्तर से अधिक दामों में भूसा खरीद रहे हैं, जो कि गलत है।
गोवंश के भरण-पोषण को प्रधान और पंचायत सचिव को जिम्मेदारी मिली हुई है। भूसा के भाव और बेहतर भरण-पोषण के उद्देश्य से आश्रय स्थलों में हरे चारा की व्यवस्था कराई जा रही है। इससे भूसा की खपत कम होगी। गोवंश के भरण पोषण के लिए किसानों से दान करने के लिए कहा जा रहा है। अगर किसी प्रधान और सचिव द्वारा अधिक दाम में भूसा खरीदा जा रहा है तो उसकी जांच कर कार्रवाई की जाएगी– डॉ. समदर्शी सरोज, सीवीओ