प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार (4 अप्रैल) की शाम को तीन दिवसीय यात्रा पर कोलंबो पहुंचे। उनके स्वागत के लिए श्रीलंका के विदेश मंत्री विजिता हेराथ, स्वास्थ्य मंत्री नलिंदा जयतिस्सा और मत्स्य पालन मंत्री रामलिंगम चंद्रशेखर सहित पांच शीर्ष मंत्री हवाई अड्डे पर मौजूद थे। प्रधानमंत्री मोदी का राजकीय सम्मान के साथ स्वागत किया गया। स्वतंत्रता चौक पर उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर और 21 तोपों की सलामी दी गई। यह प्रधानमंत्री मोदी का श्रीलंका दौरे का चौथा अवसर था। इस बार उन्हें श्रीलंका द्वारा प्रतिष्ठित ‘मित्र विभूषण’ सम्मान से नवाजा गया, जो श्रीलंका सरकार का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है। यह सम्मान विदेशी गणमान्य व्यक्तियों को दिया जाता है जिन्होंने श्रीलंका के साथ विशेष मित्रता निभाई हो।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, आज राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके द्वारा श्रीलंका मित्र विभूषण से सम्मानित किया जाना मेरे लिए गौरव की बात है। यह सिर्फ मेरा सम्मान नहीं बल्कि 140 करोड़ भारतीयों का सम्मान है। यह भारत और श्रीलंका के बीच ऐतिहासिक संबंधों और गहरी मित्रता का सम्मान है। इस सम्मान के लिए मैं राष्ट्रपति, श्रीलंका सरकार और यहां के लोगों का आभार व्यक्त करता हूं।
यह मेरी श्रीलंका की चौथी यात्रा है
पीएम मोदी ने कहा, प्रधानमंत्री के तौर पर यह मेरी श्रीलंका की चौथी यात्रा है, 2019 में मेरी पिछली यात्रा बहुत ही संवेदनशील समय पर हुई थी। उस समय मुझे विश्वास था कि श्रीलंका उभरेगा और और अधिक मजबूत होगा। मैं श्रीलंका के लोगों के धैर्य और साहस की सराहना करता हूं और आज मुझे श्रीलंका को फिर से प्रगति के पथ पर देखकर खुशी हो रही है। यह भारत के लिए गर्व की बात है कि हमने एक सच्चे पड़ोसी और मित्र के रूप में अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया है।
भारत ने सबका साथ, सबका विकास का विजन अपनाया
प्रधानमंत्री ने संबोधन के दौरान आगे कहा कि भारत ने सबका साथ, सबका विकास का विजन अपनाया है। हम अपने सहयोगी देशों की प्राथमिकताओं को भी महत्व देते हैं। पिछले 6 महीनों में ही हमने 100 मिलियन डॉलर से अधिक के ऋणों को अनुदान में बदला है। हमारा द्विपक्षीय ऋण पुनर्गठन समझौता श्रीलंका के लोगों को तत्काल सहायता और राहत प्रदान करेगा। आज हमने ब्याज दर कम करने का फैसला किया है। यह दर्शाता है कि भारत आज भी श्रीलंका के लोगों के साथ खड़ा है।
आर्थिक और विकास सहयोग: 10,000 करोड़ की परियोजनाएं
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में भारत और श्रीलंका के बीच केवल कूटनीतिक संबंधों से आगे बढ़कर जमीनी स्तर पर चल रहे विकास कार्यों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि श्रीलंका के किसानों के लिए भारत का सीधा सहयोग मिलेगा। इसके अलावा, प्रधानमंत्री मोदी ने इंडियन ओरिजिन तमिल (IOT) समुदाय के लिए 10,000 करोड़ रुपये की आवासीय और सामाजिक योजनाओं की घोषणा की। उन्होंने यह भी बताया कि श्रीलंका सरकार के साथ मिलकर नए समझौते किए गए हैं, जिनमें इंफ्रास्ट्रक्चर, डिजिटल कनेक्टिविटी और हरित ऊर्जा जैसे क्षेत्र शामिल हैं।
दोनों देशों की सुरक्षा एक-दूसरे से जुड़ी है
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, हमारा मानना है कि हमारे सुरक्षा हित समान है। दोनों देशों की सुरक्षा एक-दूसरे से जुड़ी है और एक-दूसरे पर निर्भर है। भारत के हितों के प्रति उनकी संवेदनाओं के लिए मैं राष्ट्रपति दिसानायके का आभारी हूं। रक्षा सहयोग में संपन्न किए गए महत्वपूर्ण समझौते का हम स्वागत करते हैं। कोलंबो सिक्योरिटी कॉन्क्लेव और हिंद महासागर में सुरक्षा सहयोग पर भी मिलकर काम करने के लिए हम सहमत हैं।
भारत ने की श्रीलंका की मदद
यह यात्रा विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह उस समय हो रही है जब श्रीलंका आर्थिक संकट से उबरने के संकेत दे रहा है। तीन साल पहले, श्रीलंका गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहा था, और भारत ने उसे 4.5 अरब अमेरिकी डॉलर की वित्तीय सहायता प्रदान की थी। पीएम मोदी और श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे छह अप्रैल को ऐतिहासिक शहर अनुराधापुरा जाएंगे, जहां वे महाबोधि मंदिर में पूजा-अर्चना करेंगे। इसके बाद, दोनों नेता संयुक्त रूप से भारत की सहायता से तैयार दो महत्वपूर्ण परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे, जो दोनों देशों के बीच सहयोग और साझेदारी को और सशक्त बनाएंगे।