Monday, April 28, 2025
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पिता के नक्शे कदम पर बेटा, 13 साल की सिपाही की नौकरी, अब वहीं बना असिस्टेंट कमांडेंट 

 अगर आपमें कुछ करने की ललक और जज्बा हो, तो किसी भी चीज को हासिल किया जा सकता है. ऐसी ही कहानी एक शख्स की है, जो अपनी मेहनत और लगन से बड़ी उपलब्धि हासिल की हैं. वह पिछले 13 वर्षों से असम राइफल्स में सिपाही के पद पर तैनात थे, लेकिन अब असम राइफल्स में असिस्टेंट कमांडेंट बन गए हैं. उन्होंने देहरादून स्थित इंडियन मिलिट्री एकेडमी (IMA) में 14 दिसंबर 2024 को संपन्न पासिंग आउट परेड में हिस्सा लिया और ऑफिसर स्पेशल कमीशन पास कर यह गौरव हासिल किया है. इनका नाम कुलदीप सिंह कंडारी है.

पिता भी असम राइफल्स का रह चुके हैं हिस्सा
कुलदीप सिंह कंडारी उत्तराखंड के चमोली जिले के गौचर के रानीगढ़ क्षेत्र के दुवा गांव के निवासी हैं. उनके पिता मदन सिंह कंडारी, असम राइफल्स से सूबेदार के पद से रिटायर हो चुके हैं. पिता की नौकरी के चलते कुलदीप की शिक्षा असम, नागालैंड और मणिपुर में पूरी हुई. उन्होंने हाई स्कूल से ग्रेजुएशन तक की पढ़ाई वहीं से की. सेना में सेवा देना उनके परिवार की परंपरा का हिस्सा रहा है. कुलदीप की इस उपलब्धि से उनके गांव दुवा और परिवार में खुशी की लहर है. उनकी मां शांता देवी और पत्नी, सपना देवी, गृहिणी हैं. वर्तमान में उनका परिवार देहरादून के रायपुर क्षेत्र में रहते हैं.

ड्यूटी के साथ की पढ़ाई
असम राइफल्स में सिपाही के पद पर रहते हुए कुलदीप ने अपनी ड्यूटी के साथ ऑफिसर स्पेशल कमीशन की परीक्षा पास की. यह उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण का रिजल्ट है कि अब उन्हें असम राइफल्स में असिस्टेंट कमांडेंट के रूप में नियुक्त किया गया है. गौचर के बेटे कुलदीप सिंह कंडारी के सेना में अधिकारी बनने से न केवल उनका परिवार, बल्कि पूरा क्षेत्र गर्व महसूस कर रहा है. उनकी यह उपलब्धि युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है.

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