हरियाणा के मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री नायब सिंह सैनी ने 2025-26 के बजट पर विपक्ष द्वारा उठाए गए सवालों का सटीक जवाब देते हुए कहा कि इस साल का बजट अनुमान 2,05,017 करोड़ रुपये रखा गया है, जो कि 2014-15 के बजट एस्टीमेट (73,301 करोड़ रुपये) से 180% अधिक है। इसके अलावा, 2014-15 के संशोधित बजट (72,096 करोड़ रुपये) से 184% अधिक और 2014-15 के वास्तविक बजट (61,904 करोड़ रुपये) से 231% अधिक है।
महंगाई के अनुसार बजट का मूल्यांकन
वित्त मंत्री ने कहा कि बजट तुलना करते समय महंगाई को भी ध्यान में रखना आवश्यक है। उन्होंने बताया कि महंगाई मापने का मुख्य पैमाना Wholesale Price Index (WPI) होता है। 2014-15 में WPI 113.9 था, जबकि 2024-25 में यह बढ़कर 154.8 हो गया है। अगर केवल महंगाई को ध्यान में रखते हुए 2014-15 के 61,904 करोड़ रुपये के वास्तविक बजट को आज के समय में समायोजित किया जाए, तो यह मात्र 78,618 करोड़ रुपये होता। लेकिन हरियाणा सरकार ने इससे कहीं अधिक, 2,05,017 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित किया है, जो कि वास्तविक आर्थिक वृद्धि को दर्शाता है।
विपक्ष के आरोपों पर पलटवार
नायब सिंह सैनी ने विपक्ष को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि वे PPP यानी पेज, पैराग्राफ और प्रतिशत में ही उलझे हुए हैं और वास्तविक आर्थिक प्रगति को नजरअंदाज कर रहे हैं। उन्होंने विपक्ष से आग्रह किया कि बजट को राजनीतिक चश्मे से देखने की बजाय हरियाणा की जनता के हित में देखें।
हरियाणा सरकार का यह बजट प्रदेश के विकास को नई ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए तैयार है और इसमें अर्थव्यवस्था, बुनियादी ढांचे और जनकल्याण योजनाओं को प्राथमिकता दी गई है।