संवाददाता के के गुप्ता श्रावस्ती
इकौना – पुराना रामलीला मैदान इकौना में शनिवार को होली मिलन समारोह व राष्ट्रीय कवि सम्मेलन का भब्य आयोजन किया गया। विधायक रामफेरन पांडेय व एसडीएम ओम प्रकाश,विहिप अजय जायसवाल,आयोजक भाजपा नेता कन्हैया कसौंधन ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
हरदोई से पधारी कवियत्री पल्लवी मिश्रा ने मां सरस्वती की वंदना करके कवि सम्मेलन की शुरुआत किया। रायबरेली से पधारे कवि मधुप श्रीवास्तव नरकंकाल ने अपनी हास्य रचनाओं “तुम रसभरी गुझिया हम , झूरि झूरि पापड़ ;
” हम तुमरे काटी चुटकी तुम हमको दियेव झापड़ ;
पढ़कर श्रोताओं को लोटपोट कर दिया।
स्थानीय कवि सुरेश सैनिक ने
तीन रंग से वंदेमातरम लिख दी नभ की छाती पर नजर नोच लें बुरी पड़े जो भारत मां की माटी पर पढ़कर सम्मेलन में ओज की ऊर्जा बिखेरने का प्रयास किया। मनीष पांडे ने पकड़कर हाथ तेरा छोड़ देगा
हवा का रुख बदलकर मोड़ देगा
पढ़कर वाहवाही बटोरी।
कवि मनोज कप्तान ने
“हर रिश्ता जब तार तार हो जाता है ,
“दुराचार ही समाचार हो जाता है “।
“जब धरती करती है त्राहिमाम भगवन,
निराकार तब नराकार हो जाता है “
पढ़कर समाज में व्याप्त संस्कार हीनता के प्रति झकझोरा।
कवि देवेन्द्र आग ने
पापियों के पक्ष में पितामह खड़े थे और
केशव भी थे कहां तटस्थ धर्मयुद्ध में
पढ़कर व्यवस्था पर प्रश्नचिन्ह खड़ा किया।
हरदोई की पल्लवी मिश्रा ने
“आजा होली खेल साजना
अब तो रहा न जाए,
होली में क्यों सताए ,
पढ़कर लोगों को गुदगुदाया। वहीं बलरामपुर की ऋचा मिश्रा ने
बीमार हो चुके हैं सनम हम तो प्यार में
इस रोग का इलाज कराया न जायेगा
पढ़कर तालियां बटोरी।
होली महासमिति अध्यक्ष कन्हैया कसौंधन ने श्रोताओं का आभार व्यक्त किया। संचालन बाराबंकी कवि राम किशोर तिवारी ने किया। कवि सम्मेलन देर रात तक चलता रहा ।
इस मौके पर आशुतोष पाण्डेय, दिवाकर पांडेय,संजय कसौधन, ज्ञान वर्मा, सत्यप्रकाश गुप्ता, मनोज गुप्ता आदि सैकड़ों महिलाएं पुरुष मौजूद रहे।