मणिपुर में कुकी प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच झड़प हुई है। इस झड़प में एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई और करीब 25 लोग घायल हो गए। कुकी जो परिषद ने अनिश्चितकालीन तक बंद की घोषणा की है।
मणिपुर के कांगपोकपी जिले के विभिन्न क्षेत्रो में कुकी प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच शनिवार को हुई झड़प में एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई जबकि 25 से अधिक लोग घायल हो गए। अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी। मृतक की पहचान लालगौथांग सिंगसिट के रूप में हुई है। पुलिस ने बताया कि तीस वर्षीय सिंगसिट को कीथेलमानबी में झड़पों के दौरान गोली लगी और अस्पताल ले जाते समय सिंगसिट की मौत हो गई।
स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया
पुलिस ने बताया कि गमगीफई मोटबंग और कीथेलमानबी में सुरक्षा बलों के साथ झड़पों के दौरान करीब 25 प्रदर्शनकारियों को चोटें आईं जिन्हें इलाज के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया है।
बस को रोकने का प्रयास किया
पुलिस ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के राज्य भर में मुक्त आवाजाही की अनुमति देने के निर्देश का विरोध करने पर कुकी बाहुल जिले में प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच ये झड़पें हुईं। जब पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस छोड़ी स्थिति तब और अधिक खराब हो गई और प्रदर्शनकारियों ने निजी वाहनों में आग लगा दी और इम्फाल से सेनापति जिले जा रही राज्य परिवहन की बस को रोकने का प्रयास किया।
सरकारी वाहनों की आवाजाही में बाधा
वहीं प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या दो इंफाल-दीमापुर राजमार्ग को भी अवरुद्ध कर दिया और सरकारी वाहनों की आवाजाही में बाधा डालने के लिए टायर जलाए। यह विरोध प्रदर्शन फेडरेशन ऑफ सिविल सोसाइटी की तरफ से आयोजित शांति मार्च के खिलाफ भी था।
उनके पास अनुमति नहीं थी
इस शांति मार्च को कांगपोकपी जिले में पहुंचने से पहले ही सुरक्षा बलों ने सेकमई में रोक दिया। इस शांति मार्च में दस से अधिक वाहन शामिल थे। पुलिस ने दावा किया कि उन्हें मार्च रोकने के लिए कहा गया था क्योंकि उनके पास अनुमति नहीं थी।
आदेश का पालन
एक पुलिसकर्मी ने बताया कि हम केवल आदेशों का पालन कर रहे हैं। हमें मार्च रोकने के लिए कहा गया है। अगर वे जाना चाहते हैं तो वे बसों में जा सकते हैं जिसकी व्यवस्था सरकार करेगी। जबकि एफओसीएस के सदस्यों ने यह कहते हुए विरोध किया कि वे केवल गृह मंत्री अमित शाह के आदेश का पालन कर रहे थे। जिसमें शनिवार से पूरे राज्य में मुक्त आवाजाही की अनुमति दी गई है।