डीएम नेहा शर्मा की सख्ती: 46 औद्योगिक इकाइयों को नोटिस, भूखंड आवंटन निरस्त करने की चेतावनी
गोंडा में उद्योगों की लापरवाही पर प्रशासन की कार्रवाई, 46 भूखंड आवंटियों को अंतिम नोटिस जारी
भूखंड लिए लेकिन उद्योग नहीं लगाए, डीएम नेहा शर्मा के आदेश पर कार्रवाई शुरू
गोंडा में निष्क्रिय उद्योगों पर गिरी गाज, डीएम नेहा शर्मा ने दिए भूखंड निरस्तीकरण के संकेत
गोंडा- जिले में उद्योगों के विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से स्थापित किए गए मिनी औद्योगिक आस्थान के 46 औद्योगिक इकाइयों को जिला प्रशासन ने नोटिस जारी किया है। जिलाधिकारी नेहा शर्मा के निर्देश पर उपायुक्त उद्योग ने यह नोटिस जारी किए हैं, जिसमें भूखंड आवंटियों को उद्योग स्थापित करने की योजना स्पष्ट करने या आवंटन निरस्त किए जाने की चेतावनी दी गई है।
उद्योग स्थापित करने की जगह बनाई निजी संपत्तियाँ
प्रदेश सरकार ने जिले में औद्योगीकरण को गति देने के लिए तीन मिनी औद्योगिक आस्थान स्थापित किए थे। इनमें मनकापुर के मिर्जापुर रामनाथ, करनैलगंज के कादीपुर और खरगूपुर के अमडोहवा में औद्योगिक भूखंड आवंटित किए गए। मनकापुर में 29 औद्योगिक इकाइयों के लिए 42 भूखंड, करनैलगंज में 15 इकाइयों के लिए 39 भूखंड और खरगूपुर में 20 इकाइयों के लिए 38 भूखंड आवंटित किए गए थे।
इन भूखंडों को 99 साल की लीज पर दिया गया था, जिसकी शर्तों के अनुसार आवंटियों को छह महीने के भीतर रजिस्ट्री करानी थी, तीन महीने के अंदर कब्जा लेना था और दो साल के भीतर औद्योगिक इकाई की स्थापना करनी थी। लेकिन हाल ही में जिलाधिकारी के निर्देश पर कराई गई जांच में यह सामने आया कि कई आवंटियों ने उद्योग शुरू ही नहीं किए, जबकि कुछ ने भूखंड पर व्यक्तिगत आवास बना लिए हैं।
डीएम के निर्देश पर सख्त कार्रवाई की तैयारी
बीते दिनों हुई जिला उद्योग बंधु समिति की बैठक में यह मामला सामने आने के बाद जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने सभी आवंटित भूखंडों की जांच के आदेश दिए थे। अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व), संबंधित उप जिलाधिकारी, उपायुक्त उद्योग, विद्युत वितरण खंड और लोक निर्माण विभाग के अधिशाषी अभियंताओं की टीम ने एक-एक भूखंड का निरीक्षण किया। जांच में पुष्टि हुई कि कई भूखंडों पर उद्योग लगाने की बजाय अन्य प्रयोजन के लिए उपयोग किया जा रहा है।
इसके बाद डीएम के आदेश पर गुरुवार को 46 औद्योगिक इकाइयों को अंतिम नोटिस जारी कर दिया गया। जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि यदि आवंटियों द्वारा निर्धारित समय में उद्योग स्थापित करने की ठोस योजना प्रस्तुत नहीं की जाती, तो उनके भूखंडों का आवंटन निरस्त कर दिया जाएगा और उन्हें नए आवेदकों को पुनः आवंटित किया जाएगा।
औद्योगिक विकास की प्राथमिकता
जिलाधिकारी ने कहा कि जिले में औद्योगीकरण को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा भूमि आवंटित की गई थी, लेकिन वर्षों से यह भूखंड निष्क्रिय पड़े हैं। जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने बताया कि शासन की मंशा है कि वास्तविक उद्यमी को ही भूखंड प्राप्त हो।