Maharashtra : मराठी भाषा दिवस पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की गैरमौजूदगी पर डिप्टी सीएम अजित पवार ने सफाई देते हुए कहा कि देवेंद्र फडणवीस की तबियत ठीक नहीं थी इसलिए उन्होंने मुझे और एकनाथ शिंदे को जाने को कहा।
गेटवे ऑफ इंडिया पर आयोजित मराठी भाषा दिवस के कार्यक्रम में सीएम देवेंद्र फडणवीस नहीं पहुंचे। इस पर डिप्टी सीएम अजित पवार ने सफाई देते हुए कहा कि सीएम कार्यक्रम में शामिल होना चाहते थे लेकिन उनकी तबीयत खराब हो गई इसलिए उन्होंने डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे और मुझे जाने का निर्देश दिया। महाराष्ट्र में जारी सियासी बयानबाजियों के बीच अजित पवार ने मीडिया से अपील की कि इस विषय पर कोई और मतलब न निकाला जाए।
मराठी भाषा प्रेमियों के लिए गर्व की बात
मराठी भाषा और साहित्य को समृद्ध बनाने वाले कई साहित्यकारों को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर डिप्टी सीएम अजीत पवार ने मराठी भाषा को शास्त्रीय भाषा का दर्जा मिलने पर खुशी जाहिर की और प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी सरकार की तारीफ की। अजीत पवार ने कहा कि कई सालो से मराठी भाषा को यह दर्जा दिलाने की कोशिश हो रही थी लेकिन कोई सरकार इसे नहीं दे पाई। अंतत मोदी सरकार ने इसे मान्यता दी जो मराठी भाषा प्रेमियों के लिए गर्व की बात है।
ऊंचाइयों तक पहुंचाना होगा
अजित पवार ने कहा कि मराठी को शास्त्रीय भाषा का दर्जा मिलने के बाद यह पहला मराठी भाषा दिवस है जिससे हमारी जिम्मेदारी और बढ़ गई है। अजित पवार ने कहा कि मराठी भाषा के विकास के लिए अभी और प्रयास करने की जरूरत है। शोध कार्य को बढ़ावा देना होगा और मराठी साहित्य को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाना होगा।
हरसंभव प्रयास
अजित पवार ने इस उपलब्धि में योगदान देने वाले साहित्यकारों और विद्वानों की सराहना की और कहा कि सरकार मराठी भाषा को और बढ़ावा देने के लिए हरसंभव प्रयास करेगें। मुख्यमंत्री समेत हम दोनों डिप्टी सीएम इस दिशा में पूरी जिम्मेदारी निभाएंगे और भाषा के विकास के लिए कभी भी फंड की कमी नहीं होने दी जाएगी।
योजनाएं लेकर आएंगी
अजित पवार ने कहा कि मराठी भाषा को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने और नई पीढ़ी में इसकी लोकप्रियता बढ़ाने के लिए सरकार विभिन्न योजनाएं लेकर आएगी। अजित पवार ने आश्वासन दिया कि शिक्षा साहित्य और संस्कृति के क्षेत्र में मराठी को मजबूत करने के लिए राज्य सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है।