उत्तर प्रदेश के बरेली कैंट थाना क्षेत्र में साल 2010 में तत्कालीन एसपी यातायात कल्पना सक्सेना पर हमला हुआ था। अवैध वसूली की शिकायत पर जांच करने पहुंचीं एसपी को सिपाहियों ने कार चढ़ाने की कोशिश की थी। एसपी को 200 मीटर तक घसीटा था।
साल 2010 में एसपी यातायात रहीं कल्पना सक्सेना पर कार चढ़ाने और घसीटकर जान से मारने की कोशिश करने वाले तीन सिपाहियों सहित चार अभियुक्तों को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुरेश कुमार गुप्ता ने दोषी करार दिया है। शुक्रवार को कोर्ट ने इस पर फैसला सुनाया। फैसले के बाद चारों दोषियों को जेल भेज दिया गया है। सजा पर सुनवाई 24 फरवरी को होगी। आईपीएस कल्पना वर्तमान में गाजियाबाद में अतिरिक्त पुलिस आयुक्त हैं।
चारों को दोषी करार दिया
ये घटना 2 सितंबर 2010 को कैंट थाना क्षेत्र में बरेली-शाहजहांपुर रोड स्थित मजार के पास हुई थी। एसपी कल्पना सक्सेना यातायात ट्रक चालकों से अवैध वसूली कर रहे यातायात पुलिसकर्मियों को पकड़ने पहुंची थीं। तब सिपाही रविंद्र, रावेंद्र, मनोज और एक अन्य व्यक्ति धर्मेंद्र ने कार से कुचलकर उनकी जान लेने की कोशिश की थी। वहीं पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर जांच की। आरोपपत्र दाखिल किया। कोर्ट में 14 गवाह और 22 साक्ष्य पेश किए गए। दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने चारों को दोषी करार दिया है।
दो सौ मीटर तक घसीटा
अवैध वसूली कर रहे तीन पुलिसकर्मियों और एक अन्य व्यक्ति ने अपनी कार से एसपी कल्पना को दो सौ मीटर तक घसीटा था। इस दौरान एसपी के सिर पर वार करते रहे। धमकाते रहे कि आज तेरा आखिरी दिन है। अब जो दूसरा आएगा उसकी दखल देने की हिम्मत नहीं होगी। बता दें कि वे एसपी की जान नहीं ले सके तो धक्का देकर भाग गए थे। इस घटना को लेकर अन्य विभागों में तैनात लोकसेवकों में भय का माहौल हो गया था। देशभर में अधिकारियों के बीच इस घटना चर्चा हो रही थी। शहर में तैनात अन्य अधिकारियों का भी अधीनस्थों से भरोसा उठने लगा था।
सूचना मिली तो वह मौके पर पहुंचीं
एसपी कल्पना की तरफ से दर्ज कराई गई शिकायत के अनुसार 2 सितंबर 2010 को वह चालक कांस्टेबल संजय सिंह हमराह सिपाही ऋषिपाल और जीत सिंह के साथ चौकी चौराहे पर ड्यूटी पर थीं। कैंट क्षेत्र में मजार के पास हाईवे पर यातायात पुलिसकर्मियों द्वारा ट्रक रोककर अवैध वसूली की सूचना मिली तो वह मौके पर पहुंचीं।
मजार के पास कार खड़ी थी
फरीदपुर की ओर से आने वाले कुछ ट्रक सड़क किनारे खड़े थे। वहीं सड़क के दूसरी तरफ मजार के पास कार खड़ी थी। कार में कुछ लोग बैठे थे और कुछ पास खड़े थे। अपनी गाड़ी मजार से पहले ट्रकों की आड़ में खड़ा कराकर वह हमराह व चालक के साथ पैदल ही चल दीं। पास जाकर देखा तो कांस्टेबल मनोज चालक की सीट पर बैठा था।
दूसरा शख्स पैसे ले रहा था
वहीं पास खड़ा दूसरा शख्स पैसे ले रहा था। इससे यकीन हो गया कि पुलिसकर्मी ट्रक चालकों से अवैध वसूली कर रहे हैं। आरोपी पुलिसकर्मियों को पकड़ने के लिए वह हमराही के साथ कार के सामने पहुंच गईं। कार की पिछली सीट पर कांस्टेबल रविंद्र और रावेंद्र बैठे थे।
धक्का देकर भाग गए
एसपी कल्पना को देखकर वहां भगदड़ मच गई। कल्पना सक्सेना ने आरोपियों को पकड़ने की कोशिश की तो मनोज ने कार स्टार्ट कर उनको कुचलने की कोशिश की पर वह बच गईं। एसपी ने चलती कार में ही कांस्टेबल मनोज की गर्दन पकड़ ली। एसपी कल्पना ने कार रोकने के लिए कहा लेकिन आरोपियों ने ऐसा नहीं किया। पीछे बैठे सिपाही रविंद्र ने कल्पना के हाथों को पकड़ लिया। उनके सिर पर वार किया और कहा कि इसको कुचलकर मार दो। आरोपियों ने उन्हें 200 मीटर तक घसीटा। कई बार कार को तिरछा चलाकर कुचलने की कोशिश की। जब नहीं कुचल पाए तो एसपी कल्पना को धक्का देकर भाग गए।