Dubai : दुबई के अबू धाबी की अलबदावा जेल में बंद बांदा की शहजादी को लेकर नया अपडेट आया है। शहजादी की तरफ से रिव्यू पिटीशन दाखिल की गई है।
दुबई के अबू धाबी की अलबदावा जेल में बंद बांदा की निवासी शहजादी की फांसी का समय अभी तय नहीं हुआ है। भारतीय दूतावास ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि रिव्यू पिटीशन दाखिल की गई है ये मामला विचाराधीन है। भारतीय दूतावास लगातार इस मामले पर नजर बनाए हुए है। इसके पहले खबर आई थी कि अगले 24 घंटे के अंदर अबू धाबी की कोर्ट से सजा-ए-मौत पा चुकी शहजादी को फांसी दी जाएगी लेकिन यह सच नहीं है।
वापस लेने की भी अपील की
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अबू धाबी के जेल प्रशासन ने शहजादी की फोन पर उसके परिवार से बात कराई। इस दौरान शहजादी ने घर वालों को दिलासा देते हुए बताया कि यह उसकी आखिरी कॉल है। शहजादी ने अपने विरोधियों के खिलाफ बांदा में दर्ज मुकदमा वापस लेने की भी अपील की है।
अबू धाबी भेजा गया था
साल 2021 में बांदा के मटौंध थाना क्षेत्र के गांव गोयरा मुगली की रहने वाली शहजादी को अबू धाबी भेजा गया था। शहजादी को अबू धाबी भेजने में आगरा के निवासी उजैर का पूरा हाथ बताया जाता है। उजैर ने शहजादी को लग्जरी लाइफ का लालच देकर आगरा के ही रहने वाले एक दंपति के हाथों बेच दिया था। इस पर बांदा सीजेएम कोर्ट के आदेश पर दुबई में रह रहे आगरा के दंपति और आरोपी उजैर के खिलाफ मानव तस्करी का मुकदमा भी दर्ज किया गया है।
बच्चे की मौत का आरोप लगाया
अबू धाबी में इस दंपति के बेटे की देखरेख शहजादी करती थी। अचानक एक दिन उस बच्चे की मौत हो गई जिस पर दंपति ने शहजादी पर बच्चे की मौत का आरोप लगाया। अबू धाबी की कोर्ट ने जांच के बाद शहजादी को गिरफ्तार कर सजा-ए-मौत सुनाई थी।
बेटी को बचाने की अपील की
वहीं पीड़िता के पिता शब्बीर खान ने जिला प्रशासन-शासन और सरकार से बेटी को बचाने की अपील की थी। बता दे कि शहजादी जब छोटी थी तब किचन में काम करते समय आग से बुरी तरह झुलस गई थी। साल 2020 में सोशल मीडिया के माध्यम से उसकी जान-पहचान आगरा के उजैर नाम के एक व्यक्ति से हुई थी। साल 2021 में उजैर ने शहजादी के चेहरे का इलाज कराने का बहाना बनाकर उसे आगरा ले गया और फिर लग्जरी लाइफ का लालच देकर अबू धाबी ले गया। अबू धाबी में उसने शहजादी को अपने रिश्तेदार दंपति फैज और नादिया के हवाले कर दिया। इसी दौरान इस दंपति के चार माह के बच्चे की मौत हो गई।