लखनऊ- सीएमओ के अधीन संचालित 10 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) पर अल्ट्रासाउंड जांच ठप हो गई है। 8 केंद्रों की मशीनें खराब हैं और 2 केंद्रों पर जांच के लिए प्रशिक्षित कर्मचारी नहीं है। इससे रोजाना बड़ी संख्या में गर्भवतियों को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा। अधिकारी नई मशीनें जल्द लगवाने का दावा कर रहे हैं। सभी 10 सीएचसी से प्रतिदिन औसतन 150 से 200 मरीजों को बिना जांच लौटना पड़ रहा है।जिले में सीएमओ के अधीन 20 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र संचालित हैं। इसमें 17 केंद्रों पर अल्ट्रासाउंड जांच की सुविधा मिल रही थी। अलीगंज, एनके रोड, रेडक्रॉस, चिनहट, इंदिरानगर, बेहटा, मलिहाबाद और इटौंजा सीएचसी की अल्ट्रासाउंड मशीन खराब हो गई हैं। उपकरण की मरम्मत करने वाली कंपनी सायरेक्स ने भी मशीनों को ठीक करने में इनकार कर दिया है। कंपनी मशीनों को कंडम घोषित कर चुकी है। मोहनलालगंज और नगराम सीएचसी में मशीन तो है, लेकिन प्रशिक्षित कर्मचारी की तैनाती न होने से जांचें ठप हैं। प्रत्येक सीएचसी पर प्रतिदिन 15-20 मरीज जांच के लिए पहुंचते हैं। इन सभी को बिना जांच के लौटना पड़ रहा है।
केस-1 : मलिहाबाद की रहने वाली गर्भवती रुखसाना नियमित जांच के लिए मलिहाबाद सीएचसी गई थी। डॉक्टर ने अल्ट्रासाउंड कराने की सलाह दी। पता चला केंद्र में अल्ट्रासाउंड न होकर निजी केंद्र से कराना होगा। जिस निजी केंद्र को सीएचसी से जोड़ा गया है वहां जाने पर भी उसका अल्ट्रासाउंड नहीं हो सका।
केस-2 : इटौंजा के जमखनवां गांव की रहने वाली दीप्ती ने बताया कि वह अल्ट्रासाउंड जांच के लिए इटौंजा सीएचसी पर गई थी। यहां पर मशीन खराब होने का हवाला देकर लौटा दिया गया। इसके बाद उसे निजी केंद्र से अल्ट्रासाउंड कराना पड़ा। इसके एवज में उसे करीब एक हजार रुपये का भुगतान करना पड़ा।
जिन सीएचसी पर अल्ट्रासाउंड मशीन खराब हैं, वहां पर नई मशीन लगाई जाएगी। शासन को इस संबंध में जानकारी भेजी जा चुकी है।
-डॉ. एनबी सिंह, सीएमओ