Monday, April 28, 2025
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पाकिस्तानी युवती ने 9 साल तक बरेली में की टीचर की नौकरी, अब सब होगा वसूल 

बरेली-  फर्जी दस्तावेजों के जरिए सरकारी नौकरी हासिल करने वाली पाकिस्तानी महिला शुमायला खान को प्रारंभिक जांच के बाद ढाई साल पहले निलंबित किया गया था। जांच में जाली दस्तावेजों की पुष्टि के बाद करीब तीन महीने पहले बर्खास्त कर दिया गया। कानूनी प्रक्रिया पूरी होने के बाद एफआईआर कराने के आदेश दिए गए। अब शुमायला को दिए गए वेतन की वसूली की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। बीएसए कार्यालय से बीईओ के साथ लेखा विभाग के कार्यालय को इसके लिए पत्र भेजा गया है। करीब 43 वर्षीय शुमायला ने 10वीं, 12वीं और स्नातक की शिक्षा रामपुर में ग्रहण की थी। इसके बाद मीरगंज के राजेंद्रप्रसाद डिग्री कॉलेज से बीएड किया। बेसिक शिक्षा परिषद में नियुक्ति के बाद वर्ष 2016 में तत्कालीन बीएसए देवेश सचान ने शुमायला को फतेहगंज पश्चिमी के गांव माधोपुर के प्राइमरी स्कूल में तैनाती दी थी जहां वह 16 जून 2022 को निलंबित होने तक शिक्षण कार्य करती रही।

रामपुर से एलआईयू ने 2 जुलाई 2021 को बरेली के बीएसए को पत्र भेजकर उनके अधीन शुमायला नाम की शिक्षक की तैनाती के बारे में जानकारी मांगी थी। इसके बाद जांच का सिलसिला शुरू हो गया। प्रारंभिक जांच में ही शुमायला की नियुक्ति संदिग्ध पाए जाने के बाद शुमायला काे निलंबित कर फतेहगंज पश्चिमी ब्लॉक के ही जनक जागीर प्राइमरी स्कूल में तबादला कर दिया गया था।

शुमायला का नौ साल का वेतन करीब 32 लाख रुपये बताया जा रहा है। इसमें पांच साल का पूर्ण और ढाई साल निलंबन काल का वेतन शामिल है। वेतन वसूली का पत्र दो महीने पहले बीएसए कार्यालय से ब्लॉक को जारी किया जा चुका है। हालांकि अब तक ब्लॉक स्तर पर अधिकारियों ने वेतन वसूली की सूची तैयार नहीं की है। शुमायला अब कहां है, यह भी विभाग में कोई नहीं जानता। बरेली में उसका पता किला इलाके के जागृति नगर में बताया जा रहा है।

शुमायला की मां भी थीं बेसिक शिक्षा में कार्यरत
बेसिक शिक्षा विभाग के अनुसार शुमायला की मां भी बेसिक शिक्षा विभाग में कार्यरत थीं लेकिन पाकिस्तानी नागरिकता की वजह से उनका भी निलंबन हुआ था। शुमायला ने अपना मूल पता रामपुर की सदर तहसील के मोहल्ला बगीचा चौधरान का बताया था। शुमायला की मां माहिरा अख्तर, भाई अस्लान खां और पिता सितवत अली खां का जिक्र भी विभाग को दी गई पत्रावलियों में है। शुमायला का दूसरा नाम फुरकाना भी है। बीएसए संजय सिंह ने बताया कि रामपुर से मूल निवास प्रमाणपत्र खारिज होने के बाद शुमायला के विरुद्ध एफआईआर कराने के निर्देश दिए गए थे। उसे अब तक जो वेतन दिया गया है, उसकी वसूली के लिए बीएईओ और लेखाधिकारी कार्यालय को पत्र भेज दिया गया है।

बच्चों को नए-नए तरीकों से पढ़ाती थी शुमायला
शुमायला के साथ पढ़ाने वाले शिक्षकों के मुताबिक वह काफी मेहनती थी। जनक जागीर प्राइमरी स्कूल के प्रधानाध्यापक हरीश कुमार ने कहा कि शुमायला मेहनती थी। निलंबित होने के बावजूद उसने कभी अपने काम में ढिलाई नहीं की। वह थायरायड की बीमारी से परेशान रहती थी। बरेली में अकेले रहती थी। ढाई साल से उसे नहीं देखा गया है।

माधोपुर स्कूल के प्रधानाध्यापक परम किशन के मुताबिक शुमायला नए-नए तरीके ढूंढकर बच्चों को पढ़ाया करती थी। कभी कोई अवज्ञा भी नहीं की। चार साल पहले एलआईयू और पुलिस ने जांच के लिए आना शुरू किया तो उसने बताया था कि कोई लड़का उसे परेशान करता है जिसके खिलाफ उसने शिकायत की है। उसके पाकिस्तानी होने की बात सामने आने के बाद सभी हैरत में हैं।

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