Monday, April 28, 2025
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2.50 में मिले महिला को दो नए घुटने, बलरामपुर अस्पताल में पहली बार हुआ दोनों घुटनों का सफल प्रत्यारोपण

लखनऊ– बलरामपुर अस्पताल के डॉक्टरों ने पहली बार महिला मरीज के दोनों घुटनों का प्रत्यारोपण एक साथ करने में सफलता हासिल की है। ऑपरेशन के बाद मरीज स्वस्थ है, चलने फिरने में भी समस्या नहीं है। ऑपरेशन में करीब चार घंटे लगे। अच्छी बात यह भी रही है कि एनेस्थीसिया टीम का नेतृत्व करने वाले विशेषज्ञ उसी दिन सेवानिवृत हुए, लेकिन वह ऑपरेशन के दौरान डटे रहे। अस्पताल के निदेशक डॉ. सुशील प्रकाश, सीएमएस डॉ. संजय तेवतिया व एमएस डॉ. हिमांशु त्रिपाठी ने ऑपरेशन करने वाली पूरी टीम को बधाई दी।एमएस डॉ. हिमांशु त्रिपाठी ने बताया प्रयागराज के फाफामऊ निवासी विद्युत लता मिश्रा (52) को परिवारीजनों ने घुटना प्रत्यारोपण के लिए वरिष्ठ आर्थोपेडिक सर्जन डॉ. एपी सिंह की देखरेख में बलरामपुर अस्पताल में भर्ती कराया। डॉ. एपी सिंह ने बताया कि महिला को चलने में बहुत दिक्कत रहती थी। वह अपने दैनिक कार्य को भी सही से नहीं कर पाती थीं। दोनों घुटनों का एक साथ प्रत्यारोपण करने का निर्णय लिया गया। करीब चार घंटे तक चले ऑपरेशन में दोनों घुटनों का एक साथ सफलतापूर्वक प्रत्यारोपण कर दिया गया। इसे चिकित्सीय भाषा में टोटल नी रिप्लेसमेंट (टीकेआर) कहा जाता है।

ऑपरेशन में 2.50 लाख का आया खर्च

डॉ. एपी सिंह ने बताया कि यह सर्जरी महंगे जिम्मर इंप्लांट का उपयोग कर की गई है। इस इंप्लांट को निजी अस्पताल में कराने पर महिला के तीमारदारों का करीब 6 लाख रुपये तक खर्च आता। बलरामपुर में इंप्लांट कराने पर करीब 2.50 लाख रुपये खर्च आया है। ऑपरेशन की टीम में डॉ. एपी सिंह, डॉ. जीपी शर्मा, डॉ. जीके शर्मा, डॉ. संचित अग्रवाल, डॉ. सुनील चौधरी, डॉ. अखिलेश यादव, डॉ. देशराज, डॉ. प्रियांक, डॉ. जूही पाल, ओटी स्टाफ सिस्टर मोनिका, रेखा, दया व ममता शामिल रहीं। इस ऑपरेशन में एनेस्थीसिया टीम का नेतृत्व डॉ. सीपी सिंह ने किया। बलरामपुर में काम करने का डॉ. सीपी सिंह का अंतिम दिन था। उसी दिन वह सेवानिवृत भी हो गए। डॉ. एपी सिंह ने कहा कि डॉ. सीपी सिंह के नेतृत्व में यह सर्जरी पूरी करना टीम के लिए सम्मानजनक रहा है। डॉ. एपी सिंह ने बताया कि वर्ष 2022 में उन्होंने बलरामपुर अस्पताल में प्रयागराज से आकर ज्वाइन किया था। तब से वह अब तक 28 मरीजों का घुटना प्रत्यारोपण कर चुके हैं, लेकिन एक साथ दोनों घुटनों का प्रत्यारोपण पहली बार किया है।

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