बांदा: भूरागढ़ में अवैध खनन का खेल, प्रशासन की भूमिका पर सवाल
BANDA. जिले में अवैध खनन का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। भूरागढ़ के छोटा पुरवा में वैध खदानों की आड़ में अवैध खनन का धंधा खुलेआम चल रहा है। स्थानीय प्रशासन और पुलिस की कथित मिलीभगत से रातभर ट्रैक्टरों के जरिए अवैध खनन किया जा रहा है।
खनिज अधिकारी की कार्रवाई पर सवाल
हाल ही में लेखपाल की रिपोर्ट के आधार पर खनिज अधिकारी ने दो मीटर खनन के मामले में अज्ञात लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। बावजूद इसके, रोजाना दर्जनों ट्रैक्टरों द्वारा किए जा रहे अवैध खनन को रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। स्थानीय लोगों का आरोप है कि यह पूरा खेल प्रशासन और खनन माफियाओं के गठजोड़ का नतीजा है।
खनन माफिया बने ‘राजकुमार’
सूत्रों के अनुसार, छोटा पुरवा निवासी राजकुमार निषाद और लाला यादव ने अवैध खनन के खेल को बखूबी संभाल रखा है। राजकुमार पर आरोप है कि वह स्थानीय चौकी के सहयोग से रातभर ट्रैक्टरों से अवैध खनन करवा रहा है। इस कार्य में उसके स्वयं के साथ-साथ गांव और भूरागढ़ के अन्य ट्रैक्टर भी शामिल हैं।
प्रशासनिक अधिकारियों की उदासीनता
जिला अधिकारी नागेन्द्र प्रताप और पुलिस अधीक्षक के सख्त रुख के बावजूद, उनके अधीनस्थ अधिकारियों पर निष्क्रियता का आरोप लग रहा है। मुख्यमंत्री के आदेशों की अवहेलना और सरकारी संपत्ति की खुली लूट प्रशासनिक सिस्टम की विफलता को दर्शाती है।
क्या होगा अवैध खनन का अंत?
अवैध खनन का यह मामला न सिर्फ सरकारी संपत्ति की क्षति का कारण बन रहा है, बल्कि प्रशासन की निष्क्रियता पर भी गंभीर सवाल खड़े करता है। कब तक अवैध खनन माफियाओं पर कार्रवाई होगी और कब तक यह खेल बंद होगा, यह भविष्य के गर्भ में है।
स्थानीय लोगों में रोष
छोटा पुरवा और आसपास के क्षेत्र में अवैध खनन से न सिर्फ पर्यावरण को नुकसान हो रहा है, बल्कि ग्रामीणों में भी गुस्सा बढ़ता जा रहा है। लोग उम्मीद कर रहे हैं कि प्रशासन शीघ्र सख्त कदम उठाएगा और दोषियों को न्याय के कटघरे में लाएगा।
सरकार और स्थानीय प्रशासन को अब कार्रवाई कर यह सुनिश्चित करना होगा कि जिले में अवैध खनन पर पूर्ण विराम लगाया जाए।