Madhya Pradesh : इस अभियान के तहत 90 दिनों में प्रदेश की 90 लघु एवं मध्यम सिंचाई परियोजनाओं का लोकार्पण होगा। नदियों में जलीय जीवों को पुनर्स्थापित किया जाएगा। वहीं लघु एवं सीमांत किसानों के लिए 50 हजार नए खेत-तालाब बनाए जाएंगे। ऐतिहासिक सांस्कृतिक एवं धार्मिक महत्व के तालाबों, जल स्त्रोतों एवं देवालयों में कार्य किए जाएंगे।
1000 नए तालाबों का निर्माण करेगा
वहीं पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग 1000 नए तालाबों का निर्माण करेगा। प्रदेश की 50 से अधिक नदियों के वॉटर शेड क्षेत्र में जल संरक्षण एवं संवर्धन के कार्य होंगे। नर्मदा परिक्रमा पथ का चिन्हांकन कर जल संरक्षण एवं पौध-रोपण की कार्य योजना तैयार होगी।
एक लाख जलदूत तैयार किए जाएंगे
ग्रामीण क्षेत्रों में पानी चौपाल आयोजित होंगी। स्थानीय लोगों को जल संरचनाओं के रख-रखाव की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। प्रत्येक गांव से महिला-पुरुष का चयन कर प्रदेश में लगभग एक लाख जलदूत तैयार किए जाएंगे।
निर्माण को प्रोत्साहित किया जाएगा
सीवर से निकलने वाला गंदा पानी जल स्त्रोतों में न मिले इसके लिए सोक पिट निर्माण को प्रोत्साहित किया जाएगा। नहरों के संरक्षण जलाशयों से रिसाव रोकने तालाबों की पिचिंग बैराज मरम्मत कार्य होंगे।
नहर प्रणाली का सफाई कार्य होगा
नगरीय विकास एवं आवास विभाग जल संरचनाओं के संवर्धन का कार्य करेगा। नहरों को मार्क कर विलेज-मेप पर “शासकीय नहर” के रूप में अंकित किया जाएगा। बांध तथा नहरों को अतिक्रमण मुक्त कराया जाएगा। करीब 40 हजार किलोमीटर लंबी नहर प्रणाली का सफाई कार्य होगा।