संवाददाता के के गुप्ता श्रावस्ती
इकौना- राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत आशा/आशा संगिनी ने सोमवार को सीएचसी इकौना से धरना प्रदर्शन करते हुए प्रधानमंत्री भारत सरकार एवं मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश शासन को संबोधित 11 सूत्रीय मांग पत्र तहसील भवन कार्यालय पर उप जिलाधिकारी इकौना को आशा/ आशा संगिनी जिलाध्यक्ष उमा मिश्रा ने सौंपा । आशा/आशा संगिनी जिलाध्यक्ष उमा मिश्रा ने अपने मांग पत्र में प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश शासन को 11 सूत्रीय मांग पत्र में कहा है कि आशा/आशा संगिनी कार्यरत ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र में स्वास्थ्य से संबंधित 11 लाख आशा एवं एक लाख आशा संगिनी जनता के स्वास्थ्य से संबंधित कार्यरत हैं जो स्वास्थ्य विभाग की रीड की हड्डी है ।उन्होंने लंम्बे समय से अपनी विभिन्न मांगों को कई वर्षों से लेकर प्रयासरत है बार-बार अपनी मांगों के निराकरण हेतु पत्राचार किए जाने के बावजूद अभी तक उनकी समस्याओं का निराकरण नहीं हो पाया है । देश में फैली कोविड जैसी महामारी में आशा व आशा संगिनी ने अपनी जान की बाजी लगाकर कोविड से बचाव में अहम भूमिका निभाई कहीं-कहीं आशा व आशा संगिनी को अपने क्षेत्र में जाने के लिए पैदल भी चलकर काम करना पड़ा, इसके बावजूद भी आशाओं की मांग पर केंद्र व प्रदेश सरकार द्वारा कोई कठोर निर्णय आशाओं के हित में नहीं लिया गया ।आशा संगिनी जिला अध्यक्ष उमा मिश्रा ने कहा है की आशा/ आशा संगिनी को सरकारी कर्मचारी घोषित किया जाए । आशा संगिनी को सामाजिक सुरक्षा की दृष्टिगत सेवा नियमावली से आच्छादित किया जाए तथा ईपीएफ की सुविधा प्रदान की जाए ।आशा/ आशा संगीनियों को 20- 25 दिन के स्थान पर राज्य कर्मचारी की भांति 30 दिन का वेतन भुगतान किया जाए । आशाओं को सर्दी व गर्मी की अलग-अलग वर्दी दी जाए ,आशा व आशा संगिनी को रिटायरमेंट की सुविधा सरकारी कर्मचारी की भांति रिटायरमेंट के बाद पेंशन दिया जाए । इस मौके पर आशा और आशा संगिनी कुसुमावती, सुशीला, गौरी, पूनम शुक्ला ,राधा चौहान, लज्जा देवी, सावित्री देवी ,पूजा सिंह, मीना त्रिपाठी, संगीता तिवारी, कांति पाठक, माधुरी देवी, आरती देवी, सुमन, अनारकली, प्रेम दुलारी ,सरिता देवी ,सुशीला चौधरी, इंद्रप्रभा, प्रेम दुलारी, आदि आशा/आशा संगिनी धरना प्रदर्शन में मौजूद रही ।