संभल। संभल जामा मस्जिद पर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने आदेश दिया है कि जामा मस्जिद की रंगाई-पुताई तीन सदस्यीय विशेषज्ञ कमेटी की निगरानी में होगी, ताकि मस्जिद के ऐतिहासिक और संरचनात्मक महत्व को कोई नुकसान न पहुंचे। रंगाई पुताई का काम बिना कमेटी की निगरानी के कतई ना किया जाए। तीन सदस्यीय कमेटी मस्जिद परिसर का निरीक्षण करेगी। तीन सदस्यीय कमेटी शुक्रवार सुबह 10 बजे हाईकोर्ट के समक्ष रंगाई पुताई पर डिटेल्स जानकारी कोर्ट के सामने रखेगी। इलाहाबाद हाई कोर्ट के जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल के सिंगल बेंच ने यह आदेश दिया है।
10 दिन पहले जिला प्रशासन को अर्जी देकर रंगाई पुताई की मांगी थी इजाजत
जामा मस्जिद कमेटी की ओर से 25 फरवरी को यह याचिका इलाहाबाद उच्च न्यायालय में दायर की गई थी। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने इस मामले में सरकार से अपना पक्ष रखने को कहा था और सुनवाई के लिए आज यानि गुरुवार का दिन तय किया था। जामा मस्जिद कमेटी ने 10 दिन पहले जिला प्रशासन को अर्जी देकर रंगाई पुताई की इजाजत मांगी थी। लेकिन जिला प्रशासन ने यह कहते हुए इजाजत देने से इनकार कर दिया था की जामा मस्जिद पुरातत्व विभाग द्वारा संग्रहीत इमारत है ऐसे में वहां रंगाई पुताई या अन्य किसी कार्य की इजाजत पुरातत्व संरक्षण विभाग ही दे सकता है। इसके बाद जामा मस्जिद कमेटी ने पुरातत्व संरक्षण विभाग को अर्जी भेजी। वहां से कोई जवाब मिलता इससे पहले ही उच्च न्यायालय में अपनी मांग को लेकर याचिका दायर कर दी।
जामा मस्जिद की रंगाई पुताई के खिलाफ हिंदू संगठनों ने किया था प्रदर्शन
सनातन सेवक संघ और हिंदू संगठनों से जुड़े कार्यकर्ताओं ने जामा मस्जिद की रंगाई पुताई की अनुमति मांगे जाने के विरोध में बुधवार को रात पैदल मार्च निकाला था। कोतवाली पहुंचकर कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन करने के बाद मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन सौंपा। जिसमें जामा मस्जिद की रंगाई पुताई एवं साफ सफाई की अनुमति नहीं दिए जाने की मांग की थी। चेताया कि रंगाई पुताई की गई तो एएसआई के विरोध में आंदोलन छेड़ दिया जाएगा।