लखनऊ-जल में योगाभ्यास करने से डिप्रेशन और उच्च रक्तचाप में विशेष लाभ प्राप्त होता है,जल योग करने से शरीर तरोताजा हो जाता है। शरीर में लचीलापन आता है, जल योग करने से दिमाग की क्रिया शक्ति सक्रिय हो जाती है, पानी में वृक्षासन करने से मांसपेशियों में खिंचाव होता है, वजन कम होने लगता है और तनाव से मुक्ति मिलती है। लखनऊ विश्वविद्यालय के योग विभाग,फैकल्टी ऑफ योग एंड अल्टरनेटिव मेडिसिन के डॉ. अमरजीत यादव ने योग कार्यक्रम के दौरान कहा। लखनऊ विश्वविद्यालय के योग विभाग, फैकल्टी ऑफ योग एंड अल्टरनेटिव मेडिसिन द्वारा महाकुंभ प्रयागराज में 20 फरवरी को जल योग कार्यक्रम का आयोजन किया गया था।
संकाय के कोआर्डिनेटर डॉ. अमरजीत यादव ने बताया कि जल में ताड़ासन करने के अभ्यास से चिड़चिड़ापन में आराम मिलता है, शरीर में अधिक एसिड बनने से रोकता है, पानी में गरुड़ासन करने से एकाग्रता बढ़ती है। वहीं प्राणायाम करने से मन और रक्त की शुद्धि होती है। जल में अनुलोम विलोम के अभ्यास से दोगुना लाभ प्राप्त होते हैं इससे शरीर एनर्जी से भर जाता है इसके साथ ही शरीर में ऑक्सीजन का प्रवाह तेजी से बढ़ने लगता है, रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है। जल में भ्रामरी प्राणायाम के अभ्यास से मनुष्य की चेतना का स्तर बढ़ता है, भ्रात्रिका प्राणायाम करने से पाचन तंत्र में विशेष लाभ प्राप्त होता है, वहीं ध्यान से आंतरिक शांति और संतुलन की भावना उत्पन्न होती है। ध्यान से नींद बेहतर होती है तथा निर्णय लेने की क्षमता में बढ़ोतरी होती। डॉ. यादव ने यह भी बताया कि कुंभ दर्शन से भाव परिवर्तन होता है और भारतीय मनीषियों द्वारा प्रतिपादित नियमों के पालन से जीवन में आध्यात्मिकता का विकास होता है।
योग विभाग की छात्रा रोमा हेमवानी जो कि जल योग की विश्व रिकॉर्डधारी है इनके द्वारा जलयोग का प्रदर्शन किया गया। विभाग की छात्राओं प्रीति, अंकिता गौतम, सुष्मिता सिंह, खुशबू गौतम, सबिता रंजन, नम्रता मिश्रा, प्रियांशी, रुचि धवन द्वारा योग कुंभ थीम पर नृत्य प्रस्तुत किया गया। योग विभाग की छात्रा मधु त्रिपाठी द्वारा शिव स्तुति का मनमोहक प्रदर्शन किया गया। कार्यक्रम में योग विभाग के शिक्षक डॉ. उमेश कुमार शुक्ला, डॉ. सुधीर मिश्रा, डॉ. रामकिशोर, शोभित सिंह सहित योग विभाग के छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया।