Tuesday, April 29, 2025
spot_img
Homeनई दिल्लीवित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नया इनकम टैक्स बिल लोकसभा में किया...

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नया इनकम टैक्स बिल लोकसभा में किया पेश, 60 साल पुराने टैक्स सिस्टम को बनाएगा पारदर्शी

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज (13 फरवरी) नया इनकम टैक्स बिल लोकसभा में पेश कर दिया है। इससे पहले, 7 फरवरी 2025 को केंद्रीय मंत्रिमंजल ने इस बिल को मंजूरी दी थी। बता दें कि यह नया विधेयक लगभग 60 साल पुराने इनकम टैक्स एक्ट की जगह लेगा और टैक्स सिस्टम को सरल, पारदर्शी और अधिक प्रभावी बनाने में मदद करेगा।

नए इनकम टैक्स बिल में प्रस्तावित सुधार:

‘टैक्स ईयर’ का इस्तेमाल : नए बिल में ‘असेसमेंट ईयर’ की जगह ‘टैक्स ईयर’ शब्द का प्रयोग किया जाएगा, जो 1 अप्रैल से 31 मार्च तक की 12 महीने की अवधि को कवर करेगा।

नए बिजनेस के लिए टैक्स ईयर : यदि कोई नया बिजनेस या काम शुरू करता है, तो उसका टैक्स ईयर उसी दिन से शुरू होगा और उसी वित्तीय वर्ष के अंत तक चलेगा।

सुधारी गई कानूनी भाषा : नए बिल में कानूनी शब्दों को सरल और संक्षिप्त किया गया है, जिससे इसे समझना आसान होगा।

कानूनी दस्तावेजों को कम किया गया है : पुराने 823 पन्नों के मुकाबले नया इनकम टैक्स बिल अब 622 पन्नों में तैयार किया गया है।

चैप्टर्स और सेक्शन्स का विस्तार : बिल में चैप्टर्स की संख्या 23 से बढ़कर 298 हो गई है, जबकि सेक्शन्स की संख्या 536 हो गई है।

शेड्यूल्स का विस्तार : शेड्यूल्स की संख्या 14 से बढ़कर 16 हो गई है।

जटिल प्रावधानों का हटना : पुराने कानून में मौजूद जटिल प्रावधान और स्पष्टीकरण हटा दिए गए हैं, जिससे इसे समझना आसान हो गया है।

वर्चुअल डिजिटल एसेट्स पर कड़े नियम : क्रिप्टोकरेंसी जैसी वर्चुअल डिजिटल एसेट्स को अब अनडिस्क्लोज्ड इनकम के तहत माना जाएगा और इस पर कड़े नियम लागू किए गए हैं।

टैक्स चोरी रोकने के उपाय : डिजिटल ट्रांजैक्शन और क्रिप्टो एसेट्स पर कड़े प्रावधान, पारदर्शिता बढ़ाने और टैक्स चोरी को रोकने के लिए कदम उठाए गए हैं।

टैक्सपेयर्स चार्टर : नए बिल में टैक्सपेयर्स के अधिकारों की रक्षा करने के लिए टैक्सपेयर्स चार्टर भी शामिल किया गया है, जो टैक्स प्रशासन को पारदर्शी बनाएगा।

क्यों लाया गया नया इनकम टैक्स बिल?

मौजूदा इनकम टैक्स अधिनियम कई दशकों पुराना था, जिससे यह तकनीकी रूप से जटिल और व्यावहारिक रूप से बोझिल हो गया था। इस अधिनियम में समय-समय पर बदलाव किए गए, लेकिन यह अब डिजिटल और आधुनिक अर्थव्यवस्था के लिए उपयुक्त नहीं था। इसलिए, सरकार ने टैक्स सिस्टम को सरल बनाने, टैक्सपेयर्स को राहत देने और अनुपालन की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए नया इनकम टैक्स बिल 2025 पेश किया है।

स्लैब में संशोधन:

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2025 में नए टैक्स स्लैब की घोषणा की है, जो इस प्रकार हैं:

  • 0 – 4 लाख: कोई टैक्स नहीं
  • 4 – 8 लाख: 5%
  • 8 – 12 लाख: 10%
  • 12 – 16 लाख: 15%
  • 16 – 20 लाख: 20%
  • 20 – 24 लाख: 25%
  • 24 लाख से अधिक: 30%

पुराने कानून की समस्याएं:

मौजूदा आयकर अधिनियम 1961 में लागू हुआ था और समय के साथ भारतीय अर्थव्यवस्था में कई बड़े बदलाव हुए हैं, लेकिन टैक्स सिस्टम अभी भी पुरानी संरचना पर आधारित था। इससे करदाताओं को कई समस्याएं हो रही थीं, जैसे:

जटिल टैक्स नियमों को समझने में कठिनाई।

टैक्स रिटर्न भरने और अनुपालन में प्रशासनिक परेशानियां।

टैक्स विवादों का निपटारा धीमा और पेचीदा था।

डिजिटल अर्थव्यवस्था के लिए उचित प्रावधानों का अभाव।

नए टैक्स कानून से आम आदमी को क्या फायदा होगा?

  1. आयकर सीमा में बदलाव: 12 लाख रुपये तक की आय टैक्स फ्री होने से मध्यम वर्ग को बड़ी राहत मिलेगी।
  2. आसान टैक्स फाइलिंग: टैक्स फाइलिंग प्रक्रिया सरल होगी, पेपरवर्क कम होगा और ऑनलाइन रिटर्न फाइलिंग को बढ़ावा मिलेगा।
  3. तेज टैक्स विवाद समाधान: नए समाधान तंत्र से टैक्स विवादों का निपटारा जल्दी होगा।
  4. डिजिटल भुगतान और बिजनेस को बढ़ावा: नए नियमों से डिजिटल भुगतान और बिजनेस को प्रोत्साहन मिलेगा, जिससे कारोबार में पारदर्शिता बढ़ेगी।
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments