लखनऊ- जिम्मेदारों की लापरवाही से सरकार की महत्वाकांक्षी आयुष्मान योजना को बट्टा लग रहा है। मरीजों के इलाज के बाद निजी अस्पतालों को काफी समय से बजट नहीं मिला है। इससे निजी अस्पताल संचालकों में नाराजगी है। कई अस्पतालों ने मरीजों के इलाज में असमर्थता जाहिर की है। वहीं कुछ अस्पताल आयुष्मान योजना में पंजीकृत मरीजों के इलाज में टालमटोल कर रहे हैं। इसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है।आयुष्मान योजना के तहत पंजीकृत मरीज को पांच लाख रुपए तक मुफ्त इलाज का प्रावधान है। लखनऊ में 264 प्राइवेट व 42 सरकारी अस्पतालों में आयुष्मान योजना चल रही है। प्राइवेट अस्पतालों ने आयुष्मान पंजीकृत मरीजों का इलाज किया। करीब चार माह से अस्पतालों का भुगतान नहीं हुआ है। करोड़ों रुपये अस्पतालों का बकाया है। भुगतान के अभाव में अब प्राइवेट अस्पतालों ने आयुष्मान मरीजों के इलाज में असमर्थता जाहिर की है। मरीज इलाज की आस में भटक रहे हैं। गरीब मरीजों की सुनवाई नहीं हो रही है। वहीं अधिकारी हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं। अधिकारियों का दावा है कि बजट आते ही अस्पतालों का भुगतान किया जाएगा।
निजी अस्पतालों का अटका आयुष्मान योजना का भुगतान, टालमटोल कर रहे अधिकारी
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