लखनऊ, अमत विचार: गोमतीनगर विस्तार के खरगापुर इलाके में 9 दिन पूर्व हाइटेंशन के करंट से महिला की मौत हो गई। सुखाते समय पकड़ा तार में छू जाने से वह करंट की चपेट में आ गई थी। ऐसे हादसे की आशंका शहर के ज्यादातर इलाकों में हर समय बनी रहती है। दरअसल राजधानी के ज्यादातर इलाकों में बिजली के खंभे और तार मकानों के छज्जों व बालकनी से सटे हैं। मकान के पास से खंभे हटाने के लिए विभाग के पास कोई योजना नहीं है। शुल्क इतना अधिक है कि लोग चाहकर भी खंभे नहीं हटवा पाते हैं। मजबूर परिवार के साथ मौत के साए में रह रहे हैं।
गोमतीनगर, मडियांव, आलमबाग, चौक, सरोजनीनगर, महानगर, अलीगंज, चिनहट, मौलवीगंज, आशियाना, अमीनाबाद, पलटन छावनी, राजाजीपुरम, दुबग्गा, तेलीबाग, उतरेठिया समेत राजधानी के ज्यादातर इलाकों में ऐसी समस्या है। महानगर छपरतला के अंकित कुमार ने बताया कि घर के निकट लगे पोल में तारों लटके हैं। इससे मेरे परिवार के अलावा आसपास रहने वाले लोग सहमे रहते हैं। कई बार लोग तारों की चपेट में आ चुके हैं। खंभे हटवाने के लिए विभाग के अधिकारियों को पत्र लिखने के साथ प्रदर्शन भी किए गए, लेकिन खंभा नहीं हटाया गया।सआदतगंज निवासी सूरज वर्मा ने बताया घर के नजदीक लगे पोल से बच्चों को करंट लगने का खतरा बना रहता है। बहुत सर्तक होकर छतों पर जाते हैं। जेई, एसडीओ सहित कई आला अधिकारियों से भी शिकायत की गई, लेकिन कुछ नहीं किया गया।
मनकामनेश्वर ड़ालीगंज निवासी रिंकू श्रीवास्तव ने बताया कि मकान से सटा खंभा लगा है। नीचे दुकान है और ऊपर परिवार रहता है। छत के ऊपर से बिजली की लाइन गुजरी है। दुकान के पास पोल में तारों का जंजाल है। परिवार के साथ दुकान पर आने वाले ग्राहकों की जिंदगी पर भी खतरा बना रहता है। बिजली अधिकाारियों से कई बार शिकायत की लेकिन खंभे तार नहीं हटाए गए।
घरों के पास लगे बिजली के पोल या एंगल को हटाए जाने के लिए शिकायतें आती हैं। इन खंभों को शिफ्ट करना मुश्किल काम है। उपभोक्ताओं की सुरक्षा को देखते हुए अब एबीसी केबल खीचा जा रहा है। जो लोग खंभे हटाना चाहते है उनके लिए शिफ्टिंग चार्ज निर्धारित है। ये चार्ज उपभोक्ता को देना होता है। खंभो के हटाने का फिलहाल विभाग के पास कोई योजना नहीं है।
ओपी सिंह, मुख्य अभियंता, ट्रांसगोमती