Monday, April 28, 2025
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नए साल में राजधानी के अस्पतालों को मिलेगी करोड़ों की सौगात, नई योजनाओं से बदलेंगी तस्वीरें

लखनऊ- राजधानी में चिकित्सा क्षेत्र में इस वर्ष कई महत्वाकांक्षी योजनाओं और संसाधनों ने मरीजों को राहत दिलाई है। कतार से मरीजों और तीमारदारों को निजात दिलाने के लिए आधार कार्ड स्कैन कर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाए जा रहे हैं। लेकिन कतार कम करने के लिए अभी और प्रयासों की जरूरत है। जांच में अभी मरीजों को लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। इससे राहत के लिए तमाम कोशिशें चल रही है। तो आगामी साल स्वास्थ्य सुविधाओं के ढांचे को और मजबूत करने वाला होगा। केजीएमयू में नए साल से ट्रॉमा-2 का निर्माण शुरू हो जाएगा। 8 मंजिला रैन बसेरा बनना शुरू हो जाएगा। सालभर में इसे पूरा करने की कोशिश होगी। यहीं नही लारी कार्डियोलॉजी का नया भवन शुरू होने से 92 नए बेड और दो कैथ लैब बढ़ जायेंगी। पीजीआई में भी आठ नए विभाग शुरू होंगे। उम्मीद है कि नया साल उम्मीदों को पूरा करने वाला होगा।

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लारी के नए भवन की उम्मीदें भी अब अगले साल

केजीएमयू के लारी कार्डियोलॉजी में न केवल देश के विभिन्न अंचलों से हार्ट के रोगी पहुंचते हैं बल्कि विदेश से भी रोगियों की बड़ी संख्या में आमद होती है। यहां रोज आने वाले मरीजों की संख्या करीब 1,000 तक है। सीमित स्टॉफ और संसाधन होने के चलते सिर्फ 300 से 350 तक मरीज ही यहां पर देखे जा पाते हैं। जरूरत को देखते हुए शासन से इसके विस्तार की मांग की गई थी। मंजूरी मिलने के बाद वर्ष 2017 में नई इमारत का निर्माण शुरू करवाया गया। करीब 37 करोड़ की लागत से इस इमारत को बनाकर तैयार किया गया है। इस साल इसकी शुरुआत होने के आसार हैं। दरअसल देरी के पीछे जिम्मेदारों की मामूली सी लापरवाही रैंप न बनवाने की रही। इसी की वजह से इसे फिर से दुरुस्त कराना पड़ा। इसके शुरू होने से लारी में 92 बेड और दो कैथ लैब और बढ़ जाएंगी जिससे मरीजों को बड़ी राहत मिलेगी।

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ट्रॉमा सेंटर का हो रहा विस्तार, रैन बसेरा भी होगा तैयार

केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर का भी विस्तार नए साल में पूरा होने की उम्मीद है। ट्रॉमा सेंटर-2 के लिए बजट जारी हो चुका है। यह 500 बेड का होगा। इससे मरीजों को राहत मिलेगी। ट्रॉमा में पूरे प्रदेश के साथ ही नेपाल से भी गंभीर मरीज आते हैं। बेड खाली न होने के चलते उन्हें भटकना पड़ता है। बच्चों का ट्रॉमा और इमरजेंसी वार्ड अलग होगा। इसके अलावा आठ मंजिल का नया रैन बसेरा भी बनेगा। साथ ही बोन व स्किन बैंक की भी शुरुआत होगी।

शुरू हुआ किडनी ट्रांसप्लांट, बोन मैरो देने की होगी व्यवस्था

केजीएमू में डेढ़ साल बाद किडनी ट्रांसप्लांट फिर से शुरू हो गया। गत नवंबर माह में मां ने बेटी को किडनी देकर जान बचाई। नए साल में ट्रांसप्लांट तेजी से होंगे। इसके अलावा बोन मैरो ट्रांसप्लांट भी शुरू होगा।

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केजीएमयू में इस साल मिला मरीजों को स्वास्थ्य लाभ

ओपीडी : 19 लाख
भर्ती : 1.50 लाख
माइनर और मेजर ऑपरेशन : 1 लाख
ट्रॉमा में : 1 लाख
सरकारी योजनाओं के मरीज : 30 हजार
शोध के लिए मिली ग्रांट : 22 करोड़
कर्मचारियों का प्रमोशन :470
उपकरण खरीद के लिए मिले : 300 करोड़
संस्थान के विस्तार के लिए मिली जमीन : साढ़े 6 एकड़

पीजीआई में 1147 करोड़ की सात परियोजनाओं को लगेंगे पंख

पीजीआई बच्चों की बीमारियों से जुड़े इलाज का प्रदेश का पहला हब बनेगा। नए साल पर पीजीआई में 1147 करोड़ रुपये की सात परियोजनाएं शुरू होंगी। इस पहले कई विभागों वाले 575 बेड के एडवांस पीडियाट्रिक सेंटर में बच्चे के दिल की बीमारी से किडनी, दिमाग व लिवर आदि बीमारी का बेहतर इलाज मिलेगा। साथ ही प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेज को पीजीआई अपने टेली आईसीयू से जोड़कर वहां मरीजों को बेहतर इलाज करने के तरीके बताएगा।

बच्चों में जन्मजात दिल की बीमारी का इलाज सलोनी फाउंडेशन की मृणालिनी सेठ व उनकी टीम पीडियाट्रिक सेंटर पर काम करेगी। पीडियाट्रिक सेंटर में 200 से अधिक बेड होंगे, जहां जन्मजात दिल की बीमारी से पीड़ित बच्चों को इलाज मिलेगा। 1000 बेड का रैन बसेरा भी बनेगा।

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आठ नए विभाग होंगे शुरू

नए साल में एसजीपीजीआई में आठ नए विभाग शुरू होंगे। इसमें चार विभाग बच्चों की बीमारियों से जुड़े होंगे। निदेशक आरके धीमन ने बताया इनमें पीडियाट्रिक के एंडोक्राइनोलॉजी, यूरोलॉजी विभाग व नेफ्रोलॉजी, सलोनी हार्ट सेंटर (एसएचसीईसीएचआर) के तहत कार्डियो वैस्कुलर और थोरैसिक सर्जरी, टेली आईसीयू, सिर और गर्दन सर्जरी विभाग, संक्रामक रोग और ऑर्थोपेडिक विभाग शामिल हैं। इसके साथ ही 15 विभागों में 87 पदों पर भर्तियां होंगी। इसका विज्ञापन जारी किया जा चुका है।

इस साल शुरू हुई प्रमुख सुविधाएं

एपेक्स ट्रॉमा सेंटर में आर्थोपेडिक्स विभाग का हाई डिपेंडेंसी यूनिट (एचडीयू) की शुरुआत की गई है। ऐसे में पीजीआई के ट्रॉमा सेंटर में आने वाले हड्डी के गंभीर मरीजों को आईसीयू की वेटिंग की वजह से ज्यादा समस्या नहीं होगी और एक छत के नीचे ही उन्हे भर्ती कर बेहतर इलाज मुहैया कराया जाएगा। अभी तक हड्डी के गंभीर मरीजों को ट्रॉमा के आईसीयू में बेड न मिलने की समस्या झेलनी पड़ती थी। इसके अलावा टेली-आईसीयू परियोजना और एडवांस डायबिटिक सेंटर, सलोनी हार्ट सेंटर का पहला फेज, इमरजेंसी मेडिसिन एंड रीनल ट्रांसप्लांट(ईएमआरटीसी) इसके अलावा इस साल ओपीडी में 1.16 लाख मरीज देखे गए। 48 हजार भर्ती हुए। 114 किडनी ट्रांसप्लांट और 14 हजार से अधिक ऑपरेशन हुए।

लोहिया में नए साल से रोबोटिक सर्जरी की सुविधा

डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्वेद संस्थान के विस्तार में एक हजार बेड और जुड़ेंगे। शासन से मंजूरी के बाद काम शुरू हो जाएगा। इसके साथ ही न्यूरो साइंस सेंटर और रोबोटिक सर्जरी की भी सुविधा शुरू की जाएगी। लोहिया की ओपीडी में साल भर में डेढ़ लाख से अधिक मरीज देखे गए। 23 हजार सरकारी योजनाओं के मरीजों को चिकित्सीय सुविधा प्रदान की गई। इसके अलावा 200 से ज्यादा किडनी ट्रांसप्लांट हुए।

लोकबंधु व ठाकुरगंज टीबी संयुक्त अस्पताल में लेप्रोस्कोपी मशीन लगेंगी

नए साल में लोकबंधु और ठाकुरगंज टीबी संयुक्त अस्पताल में लेप्रोस्कोपी मशीन लगेगी। मरीजों का दूरबीन विधि से महीन चीरे से ऑपरेशन हो सकेंगे। खरीद प्रक्रिया चल रही है।

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सिविल में ईको शुरू हुई

वर्ष 2024 में सिविल अस्पताल में ईको जांच शुरू हो गई है। दो साल बाद भी अस्पताल के विस्तार की फाइल शासन में ही अटकी रह गई।

सरकारी अस्पतालों में मेडिकल अफसर लेवल-1 के 136 पद हैं, लेकिन सिर्फ 60 फीसदी बढ़े हैं। सीएमओ डॉ. एनबी सिंह की ओर से शासन को रिपोर्ट भेजी गई है, जिसमें मेडिकल अफसर लेवल-4 की 35 सीटें हैं, लेकिन सिर्फ 15 डॉक्टर नियुक्त हैं।

मोतियाबिंद ऑपरेशन का लक्ष्य बढ़ा

एनएचएम ने अंधता निवारण के तहत पिछले साल 57 हजार मरीजों के मोतियाबिंद ऑपरेशन का लक्ष्य रखा था। इसमें सरकारी व निजी केंद्र भी शामिल रहे। डॉक्टरों ने तय लक्ष्य के सापेक्ष 61,161 ऑपरेशन किए। सीएमओ डॉ. एनबी सिंह ने बताय कि अब एनएचएम इस साल ऑपरेशन का लक्ष्य बढ़ाकर 87000 कर दिया है। वहीं बड़े सरकारी अस्पतालों में कार्यरत डॉक्टरों को साल भर में 700 ऑपरेशन करने का लक्ष्य मिला है। 50-100 बेड व सीएचसी पर कार्यरत नेत्र रोग विशेषज्ञों का लक्ष्य आबादी के अनुपात में तय किया जा रहा है।

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कैंसर संस्थान में बढ़ेंगे 535 बेड

चक गंजरिया स्थित कल्याण सिंह कैंसर संस्थान नए साल में 535 बढ़ेंगे। भवन बनकर तैयार हो चुका है। वर्तमान में अभी 300 बेड पर भर्ती हो रही।

अस्पतालों में शुरू होगी या सुविधा

-बलरामपुर व लोकबंधु अस्पताल में एमआरआई मशीन लगेगी।
-बलरामपुर में मॉड्यूलर नेत्र ओटी में होंगे ऑपरेशन
-पांच नई डायलिसिस मशीन बढ़ेंगी।
-बेरा जांच सुविधा की सुविधा शुरू होगी।
-लोकबंधु अस्पताल में शुरू होगी डायलिसिस।
– ठाकुरगंज संयुक्त चिकित्सालय, बीआरडी महानगर, रानी लक्ष्मीबाई संयुक्त चिकित्सालय और रामसागर मिश्रा अस्पताल में पांच-पांच बेड के आईसीयू शुरू होंगे।
-सीएमओ के अधीन काकोरी व गोसाईंगंज में मदर एंड चाइल्ड विंग शुरू हो जाएंगी। यूनिट में जच्चा-बच्चा के इलाज को सुविधा मिलेगी।

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